उन्नाव जिले में आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे पर जिस समय कार कंटेनर में भिड़ी उसकी रफ्तार 120 किलोमीटर प्रति घंटा थी। कंटेनर को सामने देख कार चला रहे बृजेश ने रोकने की कोशिश भी की थी। घटनास्थल पर 50 मीटर दूर से टायरों के घिसने के निशान इसकी गवाही दे रहे थे। जिस तरह से पूरी कार कंटेनर के नीचे समा गई उससे अंदाजा लगाया जा रहा है कि कंटेनर खड़ा था। हालांकि पुलिस इससे इन्कार कर रही है। एक्सप्रेसवे पर जिस स्थान पर घटना हुई वहां सड़क पर कार के 50 मीटर तक कार के पहियों के घिसटने के निशान बने हैं। सीओ के मुताबिक घटना के समय गाड़ी की रफ्तार 120 किलोमीटर प्रति घंटा होने का अनुमान है। कार इतनी तेजी से कंटेनर के नीचे घुसी कि उसके पहिए तक उठ गए। अनुमान है कि गाड़ी चला रहे युवक ने बचने का पूरा प्रयास किया। जहां हादसा हुआ…वहां कोई सीसीटीवी नहीं
हालांकि, सफल नहीं हो सका और गाड़ी का कुछ ही हिस्सा कंटेनर के बाहर बचा बाकी उसके नीचे ही समा गया। हादसे बाद करीब एक घंटे तक यातायात प्रभावित रहा। पुलिस और रेस्क्यू टीम ने कार में फंसे तीनों शव को काफी मशक्कत के बाद बाहर निकाला इसके बाद क्षतिग्रस्त वाहनों को हटवाया तब यातायात सामान्य हुआ। सीओ ने बताया कि जिस जगह हादसा हुआ वहां पर कोई सीसीटीवी कैमरा नहीं लगा है। पहले पिता, मां और बहन की मौत, अकेला रह गया आयुष
एक्सप्रेसवे पर हुए हादसे ने आयुष को तनहा हो गया। पांच साल पहले पिता की और अब मां और बहन की मौत हो जाने से वह बिल्कुल तनहा हो गया है। एक्सप्रेसवे पर हादसे में जान गंवाने वाली सीमा उपाध्याय के पति अजीत उपाध्याय की वर्ष 2020 में हृदयगति रुकने से मौत हो गई थी। पति की मौत के बाद सीमा ने बेटे आयुष और आरुषि की जिम्मेदारी संभाली।
कांग्रेस पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष बताए जा रहे हैं बृजेश पांडेय
दोनों पढ़ाया-लिखाया और बेटी आरुषि अधिवक्ता बनाया। आरुषि दिल्ली उच्च कोर्ट में प्रैक्टिस कर रही थीं। मां और बहन के साथ आयुष भी चचेरी बहन की मंगनी में शामिल होने गोरखपुर गया था। रविवार को उसे भी साथ में गाजियाबाद लौटना था। हालांकि वह पटना में रहने वाले मौसा बृजेश पांडेय के यहां चला गया। बृजेश पांडेय बिहार में कांग्रेस पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष बताए जा रहे हैं।
पत्नी की बात मानते तो शायद बच जाती जान
हादसे का शिकार हुए विनय पाठक पत्नी अपराजिता और तीन बच्चों को गाजियाबाद घर पर छोड़कर आए थे। उन्होंने तेरहवीं संस्कार में शामिल होकर तत्काल लौट आने की बात कही थी। पत्नी और बच्चे उनके लौटने की राह देख रहे थे, यही नहीं मृतक के भांजे राजेश के मुताबिक मामा जब देवरिया से चले थे, तो मामी की उनसे फोन पर बात भी हुई थी।
धीरे गाड़ी चलाते हुए आने की बात कही थी
मामी ने आराम से धीरे गाड़ी चलाते हुए आने की बात कही थी। उन्हें नहीं पता था कि अब मामा कभी उनके पास नहीं पहुंचेंगे। राजेश ने बताया कि मामी और बच्चों को उनकी मौत की सूचना नहीं दी गई है, सिर्फ घायल होने को बताया गया है। तीन बच्चों में मामा ने दो बेटियों का इसी साल इंजीनियरिंग के पहले साल में प्रवेश दिलाया था, वहीं बेटे ने इसी साल हाईस्कूल की परीक्षा पास की है। ऐसे हुआ था हादसा, मां-बेटी, मामा समेत चार की मौत
लखनऊ-आगरा एक्सप्रेसवे पर रविवार दोपहर करीब दो बजे ओवरटेक करने के चक्कर में तेज रफ्तार एक्सयूवी कार आगे चल रहे कंटेनर में जा घुसी। कार सवार गाजियाबाद निवासी विजय पाठक (55), उनकी बहन सीमा (40) और बिजनेस पार्टनर ब्रजेश कुमार (43) की मौके पर मौत हो गई। घायल भांजी आरुषि (26) ने कानपुर के हैलट में दम तोड़ दिया। हादसे के बाद चालक कंटेनर छोड़कर भाग गया।
12 मई को बहनोई का निधन हो गया था
बिहार के जिला गोपालगंज के थाना जादवपुर के गांव अंबा थाना के मूल निवासी विनय पाठक काफी समय से गाजियाबाद के राजनगर एक्सटेंशन में परिवार सहित रहते थे। वह बिहार के आरा निवासी, फिलहाल दिल्ली के बसंतकुंज में रह रहे ब्रजेश कुमार के साथ हाउसिंग सोसाइटी में मेंटिनेंस का काम करते थे। विनय के देवरिया निवासी बहनोई व्यासचंद्र का 12 मई को निधन हो गया था।
मामा की कार ब्रजेश चला रहे थे
24 मई को तेरहवीं में शामिल होने के लिए वह ब्रजेश के साथ देवरिया गए थे। वहीं, सीमा के जेठ की बेटी की गोरखपुर में 23 मई को मंगनी थी। उसी में शामिल होने के लिए बेटी आरुषि और बेटे आयुष के साथ गईं थीं। विनय के भांजे राजेश ने बताया कि तेरहवीं में शामिल होने के बाद मामा, ब्रजेश के साथ गोरखपुर गए थे। वहां से मौसी सीमा और उनकी बेटी आरुषि को लेकर रविवार सुबह करीब तीन बजे गाजियाबाद जाने के लिए निकले थे। मामा की कार ब्रजेश चला रहे थे।
आधा हिस्सा कंटेनर के नीचे घुसा
एक्सप्रेसवे पर बांगरमऊ कोतवाली क्षेत्र में रविवार दोपहर करीब दो बजे कार आगे चल रहे कंटेनर में घुस गई। टक्कर इतनी तेज थी कि एक्सयूवी का आधा हिस्सा कंटेनर में घुस गया। इसी दौरान वहां से गुजर रहे कन्नौज के सदर कोतवाली प्रभारी जितेंद्र प्रताप सिंह ने आरुषि की सांस चलती देखी तो अपनी कार से कन्नौज मेडिकल कॉलेज पहुंचाए। बाद में कानपुर हैलट रेफर कर दिया गया, जहां डॉक्टर ने मृत घोषित कर दिया।
कार को कटर से काटकर निकाले शव
बांगरमऊ कोतवाल चंद्रकांत सिंह, सीओ अरविंद चौरसिया और यूपीडा की टीम ने कंटेनर और कार के बीच फंसे तीनों शवों को कार के कुछ हिस्सों को कटर से कटवाकर निकलवाया। सीओ अरविंद चौरसिया ने बताया कि जांच में सामने आया है कि कार चालक कंटेनर को बाईं तरफ से ओवरटेक कर रहा था। हार्न सुनकर चालक ने कंटेनर को बाईं तरफ कर लिया