TET से मुक्ति और पुरानी पेंशन बहाली के लिए अटेवा-NMOPS का बड़ा एलान, 25 नवंबर को दिल्ली में होगा विशाल प्रदर्शन — विजय बंधु
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TET से मुक्ति और पुरानी पेंशन बहाली के लिए अटेवा-NMOPS का बड़ा एलान, 25 नवंबर को दिल्ली में होगा विशाल प्रदर्शन — विजय बंधु

 


लखनऊ। 25.10.2025

लखनऊ: नेशनल मूवमेंट फॉर ओल्ड पेंशन स्कीम (NMOPS) और ऑल टीचर्स एम्पलाईज वेलफेयर एसोसिएशन (अटेवा) ने एक बार फिर केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए पुरानी पेंशन बहाली, निजीकरण की समाप्ति और टीईटी (TET) की अनिवार्यता खत्म करने की मांग तेज कर दी है। शनिवार को लखनऊ प्रेस क्लब में आयोजित प्रेस वार्ता में प्रदेश अध्यक्ष **विजय कुमार बंधु** ने ऐलान किया कि इन तीन प्रमुख मांगों को लेकर **25 नवंबर को नई दिल्ली में एक विशाल प्रदर्शन** किया जाएगा।


विजय बंधु ने कहा कि सरकार की नई **UPS योजना पूरी तरह फेल साबित हुई है**, क्योंकि देश के 24 लाख से अधिक केंद्रीय कर्मचारियों में से **97 प्रतिशत ने इसे अस्वीकार** कर दिया है। उन्होंने कहा कि सरकार बार-बार इसका समय बढ़ा रही है, जिससे यह साफ है कि देश के कर्मचारी और शिक्षक दोनों ही **NPS और UPS दोनों को नकार चुके हैं**। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि सरकार को चाहिए कि वह OPS (Old Pension Scheme) का विकल्प भी खोल दे, ताकि सच्चाई सामने आ सके।


अटेवा अध्यक्ष ने कहा कि सरकार लगातार **निजीकरण की गति तेज कर रही है**, जिससे सरकारी संस्थान कमजोर हो रहे हैं और बेरोजगारी बढ़ रही है। उन्होंने कहा, “शिक्षक और कर्मचारी ही सरकार की रीढ़ हैं, इन्हीं के माध्यम से सरकारी योजनाएं धरातल पर उतरती हैं, लेकिन आज इन्हीं का शोषण किया जा रहा है।”


**राष्ट्रीय सचिव डॉ. नीरजपति त्रिपाठी** ने कहा कि सरकार शिक्षकों और कर्मचारियों का उत्पीड़न कर रही है और **TET की अनिवार्यता** के जरिए शिक्षकों को अपमानित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि शिक्षा के माहौल को सुधारने के बजाय इसे बदनाम किया जा रहा है। डॉ. त्रिपाठी ने स्नातक और शिक्षक विधान परिषद चुनावों में शिक्षकों-कर्मचारियों से अपील की कि वे अधिक से अधिक संख्या में अपने नाम **वोटर लिस्ट में जुड़वाएं**, ताकि अपने अधिकार की आवाज को और ताकत दी जा सके।


प्रेस वार्ता में कई प्रमुख संगठनों के प्रतिनिधियों ने भी अपनी एकजुटता दिखाई।

**सफाई कर्मचारी संघ के प्रदेश महामंत्री एवं लेखपाल संघ के अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह** ने सभी संगठनों से अपील की कि वे **25 नवंबर को दिल्ली अवश्य पहुंचे**, ताकि सरकार तक एक मजबूत संदेश पहुंचे।


**नर्सिंग एसोसिएशन उत्तर प्रदेश** के प्रांतीय महामंत्री **अशोक कुमार** ने कहा कि “हमारा चिकित्सा स्वास्थ्य विभाग पूरी ताकत के साथ दिल्ली पहुंचेगा।” वहीं, **लखनऊ विश्वविद्यालय संबद्ध महाविद्यालय शिक्षक संघ के अध्यक्ष डॉ. मनोज पांडे** और **पीडब्ल्यूडी के वरिष्ठ कर्मचारी नेता भारत सिंह यादव** ने कहा कि अटेवा का यह संघर्ष सिर्फ पेंशन के लिए नहीं, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के भविष्य के लिए है।


प्रेस वार्ता में अटेवा और NMOPS के कई पदाधिकारी और कर्मचारी नेता मौजूद रहे, जिनमें प्रदेश कोषाध्यक्ष विक्रमादित्य मौर्य, डॉ. रमेश चंद्र त्रिपाठी, प्रदेश मंत्री संजय रावत, मिनिस्ट्रियल संगठन स्वास्थ्य निदेशालय अध्यक्ष हरिशंकर राठौर, श्री अमित कुमार, पवन गौतम (सिंचाई विभाग), रामेंद्र श्रीवास्तव (पंचायती राज सफाई कर्मी संघ), नरेंद्र कुमार यादव (अनुसचिवीय सिंचाई विभाग संघ), सुनील कुमार वर्मा (लखनऊ जिला अध्यक्ष) समेत कई संगठन शामिल थे।


रेलवे से राकेश चंद्र वर्मा (मंडलीय मंत्री, एनई रेलवे मेंस कांग्रेस), राघवेंद्र सिंह, सुधीर खरे, और अमन यादव (मंडल अध्यक्ष, ओबीसी संगठन रेलवे) ने भी समर्थन जताया।


अटेवा और NMOPS ने साफ कहा है कि जब तक देश के सभी शिक्षकों और कर्मचारियों को पुरानी पेंशन का लाभ नहीं मिल जाता, निजीकरण और TET की अनिवार्यता समाप्त नहीं हो जाती, तब तक यह आंदोलन जारी रहेगा।

अब सबकी निगाहें 25 नवंबर के दिल्ली प्रदर्शन पर टिकी हैं, जिसे शिक्षक और कर्मचारी वर्ग अपनी “नई आजादी की लड़ाई” बता रहे हैं।

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