भदोही जिले के दुर्गागंज के शेरपुर गोपलहां में हुई दर्दनाक घटना के बाद सुनील की जिंदगी पूरी तरह से उजड़ गई। चार दिन पहले ही उसने अपनी मां को खोया था। अब पत्नी और बच्चों की मौत ने उसे झकझोर कर रख दिया। घटनास्थल पर बदहवास रो रहा सुनील उस समय को कोस रहा था, जब वह कमरे से बाहर पाही (घर से 20 मीटर दूर बनी एक छोटी झोपड़ी) पर गया था। वह बार-बार यही कह रहा था कि काश वह कमरे से निकलकर न गया होता तो ऐसा न होता। एक- एक कर निकाला गया सभी का शव
दुर्गागंज के शेरपुर गोपलहां में एक साथ चार मौतों ने हर किसी को झकझोर दिया। विवाहिता ने ऐसा कदम क्यों उठाया। यह तो जांच का विषय है, लेकिन घटनास्थल के पास जितनी मुंह उतनी बातें सुनने को मिली। तालाब से एक- एक कर सभी का शव बाहर निकाला गया तो मौजूद लोग अपने आंसू नहीं रोक पा रहे थे। लोगों का कलेजा फटा जा रहा था। बच्चों के साथ जाते हुए पड़ोसी महिला ने देखा था
घटना करीब तीन से चार के बीच की है। विवाहिता अन्नू का पति सुनील उसके साथ ही था। भोर में तीन बजे के बाद अपने कमरे से 20 मीटर दूर बने पाही पर पिता उदयराज के पास गया। इसी बीच अन्नू अपने तीनों बच्चों के साथ तालाब की ओर से निकली थी। उसके पड़ोस की ही महिला अमृता ने उसे बच्चों के साथ जाते हुए देखा भी था, लेकिन वह यह समझ नहीं पाई कि अन्नू बच्चों के साथ खुद को मौत के हवाले करने जा रही है। कुछ देर बाद गांव के जीतनारायण तालाब की तरफ शौच करने गए तो उन्हें मोबाइल के टॉर्च की रोशनी दिखाई थी। वे उसे उठाए और लेकर घर चले आए।
इधर, पांच बजे सुनील जब कमरे में पहुंचा तो पत्नी को ढूंढने लगा। उसने उसके मोबाइल पर फोन किया तो पता चला कि जीतनारायण के पास मोबाइल है। जीतनारायण ने बताया कि तालाब के पास उसे मोबाइल मिला। जिसके बाद सभी लोग तालाब की तरफ दौड़ पड़े। तालाब के पास महिला के चप्पल पड़े थे। इससे परिवार के लोग बदहवास हो गए। पुलिस को सूचना दी गई। गांव के कुछ लोग तालाब में उतर कर ढूंढ़ने लगे। इसके बाद दिव्यांश का शव तालाब में मिला। उसके बाद बारी-बारी सभी के शव निकाले गए।
अन्नू को को बच्चों के साथ जाते हुए देखने वाली पड़ोसी अमृता बिलखते हुए कहती है कि हमरा से बड़ी गलती हो गईल, काश बचवा लोगन के हम रोक लेईत तो उनकी जिंदगी बच जाईत। अबहीं ऊ जीवन में कुछ देखे नाहीं रहलन। अमृता ने बताया कि भोर में अन्नु दोनों बेटों का हाथ पकड़ी थी और बेटी हाथ में पानी का बोतल लेकर आगे चल रही थी। यह देख लगा कि शौच के लिए जा रही है। नौ घंटे तक चला रेक्स्यू, स्थानीय युवाओं ने ही निकाले शव
घटनास्थल पर पहुंचे गांव के युवाओं ने करीब आठ से नौ घंटे तक रेस्क्यू करने के बाद शव को काफी मशक्कत से बाहर निकाला। घटना की जानकारी पर मिश्राइनुपर, रामपुर, शेरपुर और दुर्गागंज जैसे गांवों के मल्लाह पहुंचे। वे पानी में उतरे और शवों को खोजना शुरू किया।
मां ने नाना के यहां रह रहे दिव्यांश को जबरदस्ती बुलाया
स्थानीय लोगों का कहना था कि अन्नू के दिमाग में जरूर कुछ न कुछ चल रहा था। इसलिए वह अपने छह साल के बेटे दिव्यांश जो अपने नाना आनंदडीह बसावनपुर निवासी शीतला प्रसाद यादव के यहां गया हुआ था। बुधवार की शाम अन्नू ने जबरदस्ती फोन कर उसे घर बुलाया। कहा कि दादी को पानी देने के लिए उसे भेज दीजिए। दिव्यांश के नाना ने ही उसे घर पहुंचाया था। बेटी के साथ नातिन व नाती को खोने वाले शीतला के भी आंखों के आंसू नहीं थम रहे थे।