फतेहपुर तिहरा हत्याकांड को अंजाम देने वाले हत्यारों के भीतर रंजिश की कसक भरी रही। कसक ऐसी थी कि गोलियों से छलनी करने के बाद तीनों की लाशों पर डंडे मारकर भड़ास निकाली। वह किसी सूरत में परिवार के किसी भी शख्स को जिंदा नहीं छोड़ना चाहते थे। उनके सामने परिवार के और भी शख्स आ जाते तो वह उन्हें भी नहीं छोड़ते।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट के मुताबिक गोलियां तमंचों से दागी गई हैं। तमंचे 312 व 32 बोर के इस्तेमाल किए गए हैं। दिवंगत विनोद उर्फ पप्पू सिंह के सीने, पेट व कमर के नीचे पांच गोलियां पाई गईं। शरीर से गोलियां के कई छर्रे निकले। उन्हें दोनों ही बोर के तमंचों से गोलियां मारी गईं।
डंडा खून से हो गया था लाल
पप्पू सिंह के भाई को पुलिया में जान बचाकर घुसते समय एक ही गोली मारी। गोली कनपटी में लगी। वह गोली 32 बोर की थी। पप्पू सिंह के पुत्र अभय को दो गोलियां सीने व पेट में दागी गईं। तीनों के शरीर से छर्रे मिले हैं। एक प्रत्यक्षदर्शी के मुताबिक पप्पू सिंह को आरोपियों ने डंडों से भी पीटा। इतना पीटा कि डंडा खून से लाल हो गया।
सालों की रंजिश में बेटे के पहले पिता भिड़ते थे
दोनों परिवारों के बीच तू-तू, मैं-मैं की रंजिश अर्से से चली आ रही है। मुन्नू सिंह के दिवंगत पिता और पप्पू सिंह के पिता लाल बहादुर सिंह के बीच भी विवाद होता रहता था। उनके बीच गाली गलौज, मारपीट तक नौबत आ जाती थी। वे लोग कुछ दिन बाद एक साथ बैठकर खाना-पानी भी करने लगते थे। इस पीढ़ी के दोनों पक्षों में आए दिन गाली गलौज होती थी।
कभी भी कर सकते थे हमला
विवाद के बाद दोनों पक्षों के बीच तकरार बढ़ती गई। हत्यारोपी मुन्नू सिंह के खेत के बगल में पप्पू सिंह का घर है। वहां अक्सर आने-जाने पर विवाद होता था। ग्रामीणों के बीच चर्चा रही कि पप्पू सिंह कभी भी चाहता तो मुन्नू सिंह पक्ष के लोगों की हत्या कर सकता था। उसके घर के बगल में ही खेत पर मुन्नू सिंह आते-जाते थे। कभी भी हमला कर सकते थे।
मुन्नू सिंह के लहूलुहान होने के बाद फायरिंग
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि मुन्नू सिंह के घर पर 14 अप्रैल को बरमभोज का आयोजन होना था। आयोजन के लिए ट्रैक्टर में चक्की से आटे की बोरियां उठाने मुन्नू सिंह का पुत्र पीयूष जा रहा था। इसी दौरान पप्पू सिंह दरवाजे पर खड़ा था। उसे घूरकर देखने के बाद गाली गलौज कर पीयूष ने ट्रैक्टर बढ़ा दिया। पप्पू ने पैदल ही लाठी लेकर पीछा किया।
गिरते ही ताबड़तोड़ फायरिंग की गई
ट्रैक्टर रुकवा लिया। इस दौरान पीयूष के फोन पर मुन्नू सिंह समेत अन्य पहुंचे। इधर, पप्पू का पुत्र अभय बाइक व भाई अनूप पैदल दौड़कर पहुंचे। मारपीट के दौरान मुन्नू सिंह के सिर पर लाठी से हमला हुआ। हमले में मुन्नू सिंह घायल होकर गिर पड़ा। उसके गिरते ही पप्पू सिंह पक्ष पर ताबड़तोड़ फायरिंग की गई। ये था पूरा मामला
फतेहपुर जिले में हथगाम थाना क्षेत्र के अखरी गांव की प्रधान के दो बेटों विनोद सिंह (45), अनूप सिंह (40) और पौत्र अभय प्रताप सिंह (21) की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। आरोप था कि पूर्व प्रधान सुरेश सिंह उर्फ मुन्नू ने अपने बेटे पीयूष व अन्य साथियों के साथ घात लगाकर घटना अंजाम दी। गिरफ्तारी के लिए 10 टीमें गठित की गईं
अनूप की पत्नी मनीषा की तहरीर पर पुलिस ने पूर्व प्रधान समेत छह के खिलाफ हत्या की रिपोर्ट दर्जकर तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया था। वहीं, फरार हत्यारोपियों की गिरफ्तारी के लिए 10 टीमें गठित की गईं थीं। मनीषा ने पुलिस को बताया था कि मंगलवार सुबह उनके पति अनूप, जेठ विनोद व भतीजा अभय प्रताप पुत्र पप्पू बाइक से खेत जा रहे थे। स्कॉर्पियो से भाग निकले थे सभी आरोपी
गांव निवासी रमेश के नलकूप के पास रंजिश के चलते पहले से घात लगाकर बैठे ट्रैक्टर सवार पूर्व प्रधान सुरेश, उसके पुत्र पीयूष, भूपेंद्र, सज्जन, विवेक, जान उर्फ विपुल ने तीनों पर ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी।इससे तीनों की मौके पर मौत हो गई। घटना अंजाम देने के बाद सभी आरोपी स्कॉर्पियो से भाग निकले। विनोद भारतीय किसान यूनियन टिकैत गुट का जिला उपाध्यक्ष भी था। चार घंटे बाद शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजा
हत्या की सूचना पर ग्रामीणों की भीड़ जमा हो गई। उन्होंने हंगामा किया और शव नहीं उठने दिए। मौके पर पहुंचे एसपी धवल जायसवाल ने सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया। जिस पर करीब चार घंटे बाद पुलिस शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज सकी। तिहरे हत्याकांड की सूचना पर प्रयागराज एडीजी भानू भास्कर, आईजी प्रेम कुमार समेत अन्य अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर जांच की।