देव दीपावली (15 नवंबर) पर श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर परिसर में पहली बार 25 हजार पितरों के नाम से दीये जलाए जा सकेंगे। गेट नंबर चार से गंगा द्वार और ललिता घाट तक पूर्वजों की याद में दीये जलाने की व्यवस्था की गई है। इसके लिए चार कैटेगरी में 1100 से 11000 रुपये शुल्क जमा कराए जा रहे हैं। मंदिर प्रशासन ने दीया डोनेशन नाम से ऑनलाइन बुकिंग भी शुरू की है। श्रद्धालु अलग-अलग कैटेगरी में बुकिंग करके दीये जलवा सकते हैं। दीये मंदिर प्रशासन की तरफ से ही जलवाए जाएंगे। दीया डोनेशन के लिए श्रद्धालु मंदिर की वेबसाइट-एप से ऑनलाइन या फिर कार्यालय से ऑफलाइन बुकिंग करा सकते हैं। इसके लिए गंगा ज्योति, काशी प्रकाश, देव दीपक और दिव्य गंगा ज्योत कैटेगरी बनाई गई है। पितरों के नाम से दीये जलाने के लिए बुकिंग कराते समय श्रद्धालुओं को पितरों का नाम दर्ज कराना होगा। इसके बाद मंदिर प्रशासन के पुजारियों के पास नामों की सूची आ जाएगी, फिर पितरों के नाम का संकल्प लेकर और मंत्रजाप कर दीये जलाए जाएंगे।
दीया डोनेशन करने वालों को मिलेगा 350 रुपये का प्रसाद
दीया डोनेशन के लिए बुकिंग कराने वाले श्रद्धालुओं के घर बाबा विश्वनाथ का प्रसाद भी भेजा जाएगा। प्रसाद में मिश्री, रुद्राक्ष, ड्राई फ्रूट आदि रहेगा। इसका शुल्क 350 रुपये होगा। यदि किसी ने और प्रसाद की मांग की तो उन्हें निशुल्क भेजा जाएगा।
दूर के भक्तों की मांग पर शुरू किया
एसडीएम शंभू शरण ने कहा कि दूर से आने वाले कई भक्तों की मांग थी कि देव दीपावली पर अपने पितरों के नाम से दीप जलाना चाहते हैं। कई बार वे काशी नहीं आ पाते हैं। ऐसे में मंदिर प्रशासन ने पितरों के नाम दीप जलवाने का निर्णय लिया। इस व्यवस्था के तहत कम से कम पांच और अधिकतम 51 दीये जलवाए जा सकते हैं।
ये है चार कैटेगरी
गंगा ज्योति : पांच दीये जलाए जाएंगे। शुल्क 1100 रुपये है। गेट नंबर चार से मंदिर परिसर में दीप जलाए जा सकेंगे।
काशी प्रकाश - 11 दीये जलेंगे। शुल्क 2100 रुपये है। इन दीयों को गंगा की ही तरफ रखा जाएगा।
देव दीपक - 21 दीये जलेंगे। शुल्क 5100 रुपये है। गंगा के सामने मंदिर और घाट की सीढि़यों की ओर दीप जलाए जाएंगे।
दिव्य गंगा ज्योत - इसे एक्सक्लूसिव कैटेगरी में रखा गया है। इसमें 51 दीये जलाए जाएंगे। शुल्क 11000 रुपये है। दीये गंगा आरती के समय ही जलाए जाएंगे। उस वक्त लाखों भक्त मां गंगा की पूजा करते हैं।
इनकी भी सुनें
एसडीएम शंभू शरण ने जो योजना बनाई थी, उसे मंदिर प्रशासन मंजूर किया है। अच्छी पहल है। इससे भक्तों को एक अलग तरह का जुड़ाव महसूस होगा। - विश्वभूषण मिश्रा, सीईओ, काशी विश्वनाथ मंदिर ट्रस्ट
देव दीपावली पर मंदिर में हर बार 25 हजार दीप जलाए जाते हैं। इस बार इसे पितरों से जोड़ा गया है। दीया डोनेशन सेवा में मंगलवार को पहले दिन चार लोगों ने बुकिंग कराई है। 25 हजार का टारगेट पूरा हो जाने के बाद ये बुकिंग बंद कर दी जाएगी।
