धूमनगंज में दो दिन पहले विशेष सुरक्षा बल (एसएसएफ) के सिपाही व दरोगा आशीष यादव के बीच हुई मारपीट और इसके बाद हुए बवाल मामले में लीपापोती होती नजर आ रही है। दो दिन बाद भी इस मामले में न तो मुकदमा दर्ज किया गया और न ही किसी पक्ष पर कोई कार्रवाई की गई। जिम्मेदारों ने भी जांच की बात कहकर मामला ठंडे बस्ते में डाल दिया है।
सूत्रों का कहना है कि इस मामले में भोर तक चली पंचायत के बाद दोनों ही पक्षों की ओर से तहरीर दी गई। सिपाही व दरोगा का मेडिकल भी कराया गया। इसके बावजूद किसी भी पक्ष की ओर से रिपोर्ट नहीं दर्ज की गई। यह हाल तब है जबकि सिपाही की गेस्ट हाउस में पिटाई का सीसीटीवी फुटेज पुलिस के पास मौजूद है। साथ ही थाने में घुसकर दरोगा पर लात-घूंसे बरसाने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायलर हो चुका है। सवाल यह है कि सरेआम मारपीट करने वाले सिपाहियों व दरोगा पर कार्रवाई अब तक क्यों नहीं की गई। जानकारों का कहना है कि मामले में दोनों पक्षों का आचरण सरकारी कर्मचारी नियमावली के विपरीत है। पुलिस विभाग के नियमों के मुताबिक अनुशासनहीनता के दायरे में आता है।